Category: Chanakya Niti,

Chanakya Niti, चाणक्य नीति 201-205, Column 1

201) जो व्यक्ति एक साल तक भोजन करते समय भगवान् का ध्यान करेगा और मुह से कुछ नहीं बोलेगा उसे एक हजार करोड़ वर्ष तक स्वर्ग लोक की प्राप्ति होगी.…

Read More

Chanakya Niti, चाणक्य नीति 206-210, Column 2

206) एक गुणवान व्यक्ति को वह सब कुछ दान में देना चाहिए जो उसकी आवश्यकता से अधिक है. केवल दान के कारण ही कर्ण, बाली और राजा विक्रमादित्य आज तक…

Read More

Chanakya Niti, चाणक्य नीति 216-220, Column 2

216) हमारे शारीर नश्वर है. धन में तो कोई स्थायी भाव नहीं है. म्रत्यु हरदम हमारे निकट है. इसीलिए हमें तुरंत पुण्य कर्म करने चाहिए. 217) वह घर जहा ब्राह्मणों…

Read More

Chanakya Niti, चाणक्य नीति 226-230, Column 2

226) जो व्यक्ति अपने बुढ़ापे में भी मुर्ख है वह सचमुच ही मुर्ख है. उसी प्रकार जिस प्रकार इन्द्र वरुण का फल कितना भी पके मीठा नहीं होता. 227) जिसे…

Read More

Chanakya Niti, चाणक्य नीति 236-240, Column 2

236) जिस व्यक्ति ने न ही कोई ज्ञान संपादन किया, ना ही पैसा कमाया, मुक्ति के लिए जो आवश्यक है उसकी पूर्ति भी नहीं किया. वह एक निहायत बेकार जिंदगी…

Read More

Chanakya Niti, चाणक्य नीति 245-250, Column 2

246) जब युग का अंत हो जायेगा तो मेरु पर्वत डिग जाएगा. जब कल्प का अंत होगा तो सातों समुद्र का पानी विचलित हो जायगा. लेकिन साधू कभी भी अपने…

Read More

Proudly powered by
Translate WEBSITE NOW! »
error: Content is protected !!
Select the fields to be shown. Others will be hidden. Drag and drop to rearrange the order.
  • Image
  • SKU
  • Rating
  • Price
  • Stock
  • Availability
  • Add to cart
  • Description
  • Content
  • Weight
  • Dimensions
  • Additional information
Click outside to hide the comparison bar
Compare
Skip to content